तेरी गवाही हमें आनेवाले एक नये दिन का संदेश देती है।
तेरी गवाही के लिये हमलोग तुझे ढूंढते रहते हैं आसमान में।
पर तूं है कि .......छूप जाता है कभी बादलों में। कभी पेडों के पीछे,
हर नये महिने की शुरुआत, तेरी गवाही के बिना मंज़ूर नहिं।
आज भी इंतेज़ार है रोज़दारों को तेरी गवाही का।
कि तूं आज आसमान में नज़र आयेगा।
और एक महिने के रोज़दार , एक महिने की "ईबादत" के बाद....
तेरी गवाही के बाद कल "ईद" मनायेंगे।
8 comments:
उसकी गवाही होगी और जरूर होगी. आज वह आसमान मे नज़र आयेगा. एक महीने की इबादत यूँ ही बेकार नही जायेगी.
ईद की अग्रिम मुबारकबाद
तेरी गवाही के बाद कल "ईद" मनायेंगे।
bilkul chand ki gawahi bahut jaruri hai id manane ke liye.sunder baat
ईद पर इससे सुंदर प्रस्तुति कोइ हो ही नहीं सकती थी..
सुन्दर और सारगर्भित .ईद की मुबारकबाद
ख़ूब.........
बहुत ख़ूब.........
आफरीन...........
___दिल खुश नज़्म ....मुबारक हो......
अच्छी रचना .. ईद मुबारक !!
सुन्दर रचना.. देर सही पर आपको ईद मुबारक !!
बहुत खूब
Id mubarak
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