रात हैं या बरात फूलों की
फुल के हार, फुल के गजरे
शाम फूलों की, रात फूलों की
आप का साथ, साथ फूलों का
आप की बात, बात फूलों की
फुल खिलते रहेंगे दुनियाँ में
रोज निकलेगी, बात फूलों की
नज़ारे मिलती है, जाम मिलते है
मिल रही है, हयात फूलों की
ये महकती हुयी गज़ल मखदूम
जैसे सेहरा में, रात फूलों की
3 comments:
Jamin pe bhi phalak pe bhi
Dono jahan me hai baat phulon ki
Jis jis dagar se gujar jaye
Har jagah pe hai baat pholon ki
बहुत सुंदर
ये महकती हुयी गज़ल मखदूम
जैसे सेहरा में, रात फूलों की
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