Wednesday, July 23, 2008

मेरे वतन

मेरे वतन, मेरे वतन, मेरे वतन हिंदोसतां।
अपना गगन, अपना चमन, अपना वतन हिंदोस्तां।
गाते चलें ये गीत हम, बढ़ते रहे अपने कदम।
सब साथ हैं तो क्या है ग़म, जीतेंगे हम, हममें है दम। मेरे वतन..(2)
हिंदू भी हैं, मुस्लिम भी हैं, यहां शिख़ भी ईसाई भी।
ऐसे रहें हमारा संग-संग जैसे रहे परछाई भी.. मेरे वतन..(2)
यहां मंदिरों में आरती और मस्जिदों में अज़ान है।
गीता के श्लोक यहाँ कभी, कभी आयतें कुरान है।.. मेरे वतन..(2)
त्यौहारों का ये देश है, यहां ईद और दीवाली है,
रंगत यहाँ राखी की है और रंगबिरंगी होली है।.. मेरे वतन..(2)
गंगा यमुना सरस्वती, गोदावरी और नर्मदा,
नदियां हमारे देश की, बहती रहे हरदम सदा।.. मेरे वतन..(2)
ये धरती, गांधी, नहेरु की, ये धरती है सरदार की,
जिसने दी अपनी जान वो भगत सिंह और आज़ाद की।.. मेरे वतन..(2)
कश्मीर से कन्याकुमारी तक बसा मेरा वतन,
नज़रें उठाये कोई क्या? ईस पर लुटादें जानो तन।.. मेरे वतन..(2)

No comments: