मैं तो आऊंगी तेरी गली। चाहे कोइ कहे पग़ली।
तू लेजा ना लेजा मुझे(2)
वादीओं में बसेरा मेरा, तुज़से हो सवेरा मेरा।(2)
मैं बनके ऊडुं तितली…
तू लेजा ना लेजा मुझे।
तुज़से हो उजाला मेरा,तू ही है सहारा मेरा।(2)
तुझसे मैं बनी बिजली…
तू लेजा ना लेजा मुझे।मैं तो आऊंगी…
ये बहारें तुम्हीं से ही हैं ,ये नज़ारे तुम्ही से ही है।(2)
चाहे फूल हो चाहे कली…
तू लेजा ना लेजा मुझे।
झरमर-झर जो सावन मिले,सौंधी-सौंधी ख़ुशबू खिले।(2)
मैं बरसुं बनके बिजली…
तू लेजा ना लेजा मुझे।
3 comments:
चाहे फूल हो चाहे कली…
तू लेजा ना लेजा मुझे।
झरमर-झर जो सावन मिले,सौंधी-सौंधी ख़ुशबू खिले।(2)
मैं बरसुं बनके बिजली…
तू लेजा ना लेजा मुझे।
kya andaaj hai...lajwaab
ये बहारें तुम्हीं से ही हैं ,ये नज़ारे तुम्ही से ही है
प्रेम में मग्न हो कर लिखी हो.......... जैसे मीरा कृष्ण के प्रेम में............... लाजवाब गीत है ........
JJJJJJOOOOOGGGGGAAAAANNNNN
JHALLI-KALAM-SE
JHALLI GALLAN ANGREZI-VICHAR.BLOGSPOT.COM
Post a Comment