सफर में ख़ो गई मंज़िल,उसे तलाश करो।.
किनारे छूटा है साहिल, उसे तलाश करो।.
था अपना साया भी इस वक़्त साथ छोड़ गया।
कहॉ वो हो गया ओझल उसे तलाश करो।
ना ही ज़ख़म,ना तो है खून फिर भी मार गया।
कहॉ छुपा है वो कातिल, उसे तलाश करो।
भूला चला है वक़्त जिन्दगी के लम्हों को।
मगर धड़कता है क्यों दिल? उसे तलाश करो।
ये कारवॉ है तलाशी का, लो तलाश करें।
लो हम भी हो गये शामिल, उसे तलाश करो।
वो बोले हम है गुनाहगार उनके साये के।
कहां पे रह गये ग़ाफिल उसे तलाश करो।
लूटा दिया था हरेक वक़्त उनके साये में।
मगर नहिं है क्यों क़ाबिल, उसे तलाश करो।
समझ रहे थे ज़माने में हम भी कामिल हैं।
हमारा खयाल था बातिल उसे तलाश करो।
अय “राज” खूब तलाशी में जुट गये तुम भी।
बताओ क्या हुआ हॉसिल? ,उसे तलाश करो।
किनारे छूटा है साहिल, उसे तलाश करो।.
था अपना साया भी इस वक़्त साथ छोड़ गया।
कहॉ वो हो गया ओझल उसे तलाश करो।
ना ही ज़ख़म,ना तो है खून फिर भी मार गया।
कहॉ छुपा है वो कातिल, उसे तलाश करो।
भूला चला है वक़्त जिन्दगी के लम्हों को।
मगर धड़कता है क्यों दिल? उसे तलाश करो।
ये कारवॉ है तलाशी का, लो तलाश करें।
लो हम भी हो गये शामिल, उसे तलाश करो।
वो बोले हम है गुनाहगार उनके साये के।
कहां पे रह गये ग़ाफिल उसे तलाश करो।
लूटा दिया था हरेक वक़्त उनके साये में।
मगर नहिं है क्यों क़ाबिल, उसे तलाश करो।
समझ रहे थे ज़माने में हम भी कामिल हैं।
हमारा खयाल था बातिल उसे तलाश करो।
अय “राज” खूब तलाशी में जुट गये तुम भी।
बताओ क्या हुआ हॉसिल? ,उसे तलाश करो।
8 comments:
था अपना साया भी इस वक़्त साथ छोड़ गया।
कहॉ वो हो गया ओझल उसे तलाश करो।
hhaaan......saaye ko bhi talaash karna padta hai....... jab manzil kho jati hai........
अय “राज” खूब तलाशी में जुट गये तुम भी।
बताओ क्या हुआ हॉसिल? ,उसे तलाश करो।
is line ne to poori kavita ko poora kar diya........ touiched......
v nice kavita
था अपना साया भी इस वक़्त साथ छोड़ गया।
कहॉ वो हो गया ओझल उसे तलाश करो।
-सुन्दर रचना/ बेहतरीन!
अय “राज” खूब तलाशी में जुट गये तुम भी।
बताओ क्या हुआ हॉसिल? ,उसे तलाश करो।
क्या कहे ......शब्द कम पड रहे है .....बहुत बहुत खुब
बहुत ख़ूब!
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BlueBird
बेहतर । आभार ।
भूल चला है वक़्त जिन्दगी के लम्हों को।
मगर धड़कता है क्यों दिल? उसे तलाश करो।
bahut sunder....nice one.
भूला चला है वक़्त जिन्दगी के लम्हों को।
मगर धड़कता है क्यों दिल? उसे तलाश करो।
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बेहतरीन अभिव्यक्ति प्रदान किया है. प्रवाह के साथ.
बहुत खूब .क्या बात है
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