मुझे
मुझे
तब आपने कहा कि “अगले साल अगर मैं ईस दुनिया से रुख़्सत हो जाउंगी तो?
मुझे डर सा लगा और मैं अपने शौहर बच्चों के साथ भागी चली आई आपके यहाँ ईद मनाने को ।आप बहोत ख़ुश थीं। हम चारों भाईबहनों को और सभी नातीपोतों को ईदी दे रही थीं आप । दुध सेवैयाँ भी आपके साथ पीते हुए बडा मज़ा आ रहा था हमें ।
" इस बार भी "ईद" पे हम सब आपको मिलने के लिये आये हैं। देखो न “अम्मी”!!
बडी आपा,भाईजान और उनके बच्चे। छोटी बहना जीजाजी और उनके बेटीयाँ बेटा।
आपका लाडला बेटा अपनी बहु और छोटे बेटे के
साथ में ,मैं अपने शौहर और बच्चों के साथ आई हुं।
आज कुछ अजीब सा लग रहा है। "अम्मी" आपने हमें आज दूध सेवैयाँ नहिं खिलाई? आज आपने हमें अपने हाथों से बनाकर पान का बीडा नहिं दिया? आज हमें आपने नहिं बल्कि "बाबा" ने क्यों "ईदी "बांटी।
हाँ अम्मी! आपने सच ही कहा था। आज हर कोई है पर आप नहिं!!
बहोत याद आती है आपकी अम्मी!!!
मेरे "बाबा" भी अब तन्हा हो गये हैं । ख़ैर ! बहनें भाई भाभीजान सब कोई उनके
आप बडी ज़िद्दी रहीं हैं,
ये सोचा था कि मेरे “बाबा” का क्या?
अरे
आज सब कोइ आये हैं आपसे मिलने “अम्मी “, पर आप ख़ामोश हैं। यहाँ की फ़िज़ा में मैं आपकी ख़ुश्बु महसूस कर रही हुं “मेरी अम्मी”।
मुझे याद है जब भी हम आपसे मिलने के बाद घर लौटने के लिये आपके घर से निकले थे..आप हमें रुख़्सत करने को अपना हाथ तब तक हिलाती रहती जब तक हम आपकी नज़रों से ओझल न हो जाते।
आज हम आपको छोडकर जा रहे हैं तन्हा।
...पर में आपकी कब्र को बारबार पलटकर देखती हुं।
मुझे पता है आज आप हमें अपने हाथ से रुख़्सत नहिं करोगे ।
आप की दुआएं हमारे साथ हैं। और आपकी.......यादें भी........
”अम्मी”!!
13 comments:
ीआपने तो हमे भी रुला दिया। बहुत मार्मिक अभिव्यक्ति है। जाने वालों को याद करने के सिवा और क्या कर सकते हैं। और माँ का जाना तो सब से बडा दुख है लडकियों के लिये मा के बिना मायका जैसे मायका ही नहीम रह जाता भगवान उनकी आत्मा को शान्ति दे।
ammi ki yaad mein likhi bhavuk post,hame bhi bhavuk bana gayi.sach hi aaj jo hai saath hamare unse rishtey banaye rakhe,aapsi pyar jataye rakhe,kal na jane kya ho.
माँ से बिछुड़न का दुःख कोई बाँट नहीं सकता.
देर से ही सही पर ईद की बधाई तो ले ही लीजिये
वाकई माँ और बेटी के रिश्ते में जो प्रघाटता, जो निर्मलता, जो अल्हड़ता, जो अपनापन, जो पवित्रता, जो सादगी, जो संजीदगी, जो दोस्ती और जो पारदर्शिता है. वो दुनिया के किसी और रिश्ते में नही हैI फिर भी ऐ खुदाया, तू इन्हें क्यों जुदा कर देता??? बहुत दर्दनाक है, मेरे मौला !!! अल्लाह तबारक तआला आपकी अम्मी को जन्नतुल फिरदौस में जगह दे ! आमीन !
रझीयादीदी वाकईमे आपके जवाबने हमे रुला दीया. अम्मीजानको हमारी हार्दीक श्रध्धांजली..
आपको और आपके परीवारजनोको ईद मुबारक...
bahut hi maarmik..... main yeh dard achche se samajh sakta hoon......
तेरी जुदाई में मैं, अपने आप को कैसे संभालुंगी “अम्मी”!!nice
aap itne khubsurat comment deti hain mujhe ...bahut bahut shukria lekin aapka id ka din ...ajab dard de gaya.
Acharya Sanjiv Salil
http://divyanarmada.blogspot.com
माहताब की
जुन्हाई में,
झलक तुम्हारी
पाई अम्मी.
दरवाजे, कमरे
आँगन में,
हरदम पडी
दिखाई अम्मी.
कौन बताये
कहाँ गयीं तुम?
अब्बा की
सूनी आँखों में,
जब भी झाँका
पडी दिखाई
तेरी ही
परछाईं अम्मी.
भावज जी भर
गले लगाती,
पर तेरी कुछ
बात और थी.
तुझसे घर
अपना लगता था,
अब बाकी
पहुनाई अम्मी.
बसा सासरे
केवल तन है.
मन तो तेरे
साथ रह गया.
इत्मीनान
हमेशा रखना-
बिटिया नहीं
परायी अम्मी.
अब्बा में
तुझको देखा है,
तू ही
बेटी-बेटों में है.
सच कहती हूँ,
तू ही दिखती
भाई और
भौजाई अम्मी.
तू दीवाली ,
तू ही ईदी.
तू रमजान
और होली है.
मेरी तो हर
श्वास-आस में
तू ही मिली
समाई अम्मी.
razia ji
aapne to bus aankho me aanshu la diye
itni maarmik rachna ..
aha .. maa ka pyaar duniya me sabse badi nemat hoti hai ..aur aapki is rachna ne is baat ko aur bhi gahre dhang se kaha hai..
regards,
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com
ALLAH MAGFARAT KARE,AAPKO SABAR DE,TAKECARE
When I listen the song "Teri parvah karta hu Mai maa"of Tare zamee par ,
My situation is like you.
Almost in inactive condition.
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